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8.2 Why Savings are needed?

बचत करना बहुत अच्छी आदत है तथा इससे यह पता चलता है कि कोई व्यक्ति भविष्य से कैसी उम्मीदें करता है और भविष्य के लिए उनकी योजनायें क्या है। बच्चों में बचत की आदत डालने की कोई निश्चित उम्र नहीं है परंतु जब बच्चा पांच साल का हो जाता है तब धीरे धीरे उसे यह आदत सिखाई जा सकती है | यहाँ कुछ तरीके बताए गए हैं जिनके द्वारा आप अपने बच्चों में बचत की आदत डाल सकते हैं... Make saving a habit with your kid पिगी बैंक उपहार में दें | उन्हें बताएं कि पैसों की बचत के द्वारा वे जो चीज़ चाहते हैं उसे खरीद सकते हैं। आप प्रत्येक महीने कुछ निश्चित राशि उन्हें दें जिससे उन्हें बचत की आदत लग सके। उसके बाद उन्हें उनके पॉकेटमनी से पैसे बचाने के लिए कहें। यदि आपका बच्चा किशोरावस्था में है तो उनके लिए बचत खाता खोलना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आप वास्तव में अपने बच्चे को ही बैंक को पैसे देने के लिए कह सकते हैं जिससे वे जो भी कुछ भी हो रहा है उसकी प्रशंसा करें। बचत की राशि महत्वपूर्ण नहीं होती। बल्कि बचत की आदत स्वभाव में होना बहुत महत्वपूर्ण है। बच्चों को थोड़ी थोड़ी राशि की बचत की आदत नियमित तौर पर लगाने से उन्हें उनकी आगे की ज़िंदगी में बहुत लाभ होता है। 

अगर आप पैसे की बचत कर रहे हैं तो आपको निम्न कठिनाईओ का सामना करने में आसानी होगी |

  • Emergencies (आपातकालीन) :-  अगर घर में किसी की अचानक तबियत खराब, कोई दुर्घटना आदि हो जाती हैं तो आप को अधिक परेशानी नहीं आएगी | और आप आसानी से इसका सामना कर सकते हैं| इसके लिए PMSBY, PMJJBY
  • Future Needs (भविष्य की आवश्यकता) :- अगर आप को अपने पुत्र या पुत्री की शादी, बच्चो की हायर education, बुढ़ापे में इलाज  या अन्य कोई कार्य करना हैं तो भविष्य के लिए कुछ पैसे की बचत करना आवश्यक हैं |इसके लिए RD, APY
  • Large expenses (बड़ा खर्च) :- अगर आपको जमीन खरीदनी हैं, घर बनवाना हैं तो आपको पैसे की बचत करना जरुरी हैं |इसके लिए  PPF, PMJDY, Fix Deposit

8.3 Drawbacks of keeping Cash at home

घर पर पैसे रखने से निम्न हानिया होती हैं

  • Unsafe (असुरक्षित) :- पैसे घर रखने पर असुरक्षित होता हैं, कभी अपनों से,  चोरो से , डाकू से  , दिमक से  व आग लगने से नुकसान होने  का खतरा बना रहता हैं |
  • Loss of Growth Opportunity :- घर पर पैसे रखने पर उसपे Intrest नहीं मिलेगा | जितना पैसा घर पर रखते हैं उतना ही पैसा रह जाता हैं|
  • No Credit Eligibility :- अगर आप पैसे को घर पर रखेंगे तो बैंक से क्रेडिट (Loan) पर पैसे नहीं ले पाएंगे |
  • Remittances using Cheque Demand Draft :- चेक और डिमांड ड्राफ्ट से पैसे का लेन देन कर सकते हैं
    • चेक दो प्रकार के होते हैं
      • Simple Cheque:- यह चेक केवल अपने ही ब्रांच में भजाया जा सकता हैं किसी को चेक देते समय शव्द और अंक दोनों में रुपया को भरे | और चेक के पीछे उस व्यक्ति का Signature कराकर उसके निचे अपना Signature जरुर करे |
      • Multicity Cheque यह चेक किसी भी अपने शाखा से भजाया जा सकता हैं  इस चेक के कार्नर पर दो रेखा खीचकर उसमे A/C लिख देने से यह चेक अकाउंट पेयी हो जाता हैं जिससे पैसा सीधे खाते में जाता हैं जिसके नाम से चेक देते हैं और चेक के पीछे नाम खाता संख्या नंबर लिखना अनिवार्य होता हैं


    • Dimand Draft(Bankers Cheque):- डिमांड ड्राफ्ट एक व्यक्ति को बैंक खाते से पैसे देने की एक विधि हैंइसमें खाताधारक को बैंक में एडवांस पे कर बैंकर्स चेक प्राप्त करता है  
      • Demand draft issued by bank
      • DD does not require signature to transfer funds
    • Here are few basic difference between cheque and DD
      • Cheque is issued by customer, whereas Demand draft issued by bank
      • Cheque can bounce due to insufficient balance . DD cannot be dishonored as amount is paid before hand.
      • Payment of cheque can be stopped by drawee, whereas payment cannot be stopped in DD.
      • A cheque needs signature to transfer amount, While DD does not require signature to transfer funds

  • Issuance of Demand Draft /
    Bankers’ Cheque through Retail
    Internet Banking
     For value up to Rs. 5,000/-: Rs. 10/-
     For value above Rs. 5,000/- & up to Rs.10,000/-: Rs. 50/-
     For value above Rs. 10,000/- & up to Rs. 1 lac: Rs. 5/- per thousand or partthereof, with minimum of Rs. 55/-
     For value above Rs. 1 lac & up to Rs. 5 lacs: Rs. 4/- per thousand or part thereof, with minimum of Rs. 404/- and maximum of Rs. 15000/- Cash Handling charges will over and above, if in case of cash transaction
  • Avoid risk of chit funds, sahukars :- साहूकार और चिटफण्ड से दूर रह सकते हैं
    • साहूकार अधिक ब्याज लेता हैं इससे बचा जा सकता हैं
    • चिटफण्ड वाले आपको भ्रम में करके गायब हो जाते हैं कहते हैं कि अगर बैंक 10 वर्ष में दुगना रकम देता हैं तो हम 1 वर्ष में आपको दुगना रकम देंगे | ऐसे लोगे से बचे और चिट फण्ड में पैसा न लगाये |

8.4 Why Bank is needed?

बैंक में पैसे रखे जा सकते हैं, बैंक से ऋण ले सकते हैं, बैंक से हमें निम्नलिखित लाभ हैं |

  • Secure Money, Earn Interest, Get Loan :- बैंक में हम अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं, बैंक में पैसे रखने पर हमें पैसे पर ब्याज मिलता हैं, बैंक से हम ऋण प्राप्त कर सकते हैं |
  • Inculcate habit of saving :- पैसे बचाने की आदत हमें आदत बन जाती हैं और हम अधिक से अधिक पैसे की बचत कर लेते हैं | पैसे बचाने के कई उपाय हैं आप अपने बैंक में PPF, RD, APY की मदद से अधिक पैसे बचा सकते हैं |
  • Remittances using Cheque Demand Draft :- चेक और डिमांड ड्राफ्ट से पैसे का लेन देन कर सकते हैं
    • चेक दो प्रकार के होते हैं
      • Simple Cheque:- यह चेक किसी भी अपने शाखा से भजाया जा सकता हैं किसी को चेक देते समय शव्द और अंक दोनों में रुपया को भरे | और चेक के पीछे उस व्यक्ति का Signature कराकर उसके निचे अपना Signature जरुर करे |
      • Multicity Cheque यह चेक केवल अपने ही ब्रांच में भजाया जा सकता हैं इस चेक के कार्नर पर दो रेखा खीचकर उसमे A/C लिख देने से यह चेक अकाउंट पेयी हो जाता हैं जिससे पैसा सीधे खाते में जाता हैं जिसके नाम से चेक देते हैं और चेक के पीछे नाम खाता संख्या नंबर लिखना अनिवार्य होता हैं
    • Dimand Draft(Bankers Cheque):- डिमांड ड्राफ्ट एक व्यक्ति को बैंक खाते से पैसे देने की एक विधि हैंइसमें खाताधारक को बैंक में एडवांस पे कर बैंकर्स चेक प्राप्त करता है  
      • Demand draft issued by bank
      • DD does not require signature to transfer funds
    • Here are few basic difference between cheque and DD
      • Cheque is issued by customer, whereas Demand draft issued by bank
      • Cheque can bounce due to insufficient balance . DD cannot be dishonored as amount is paid before hand.
      • Payment of cheque can be stopped by drawee, whereas payment cannot be stopped in DD.
      • A cheque needs signature to transfer amount, While DD does not require signature to transfer funds

    • Avoid risk of chit funds, sahukars :- साहूकार और चिटफण्ड से दूर रह सकते हैं
      • साहूकार अधिक ब्याज लेता हैं इससे बचा जा सकता हैं
      • चिटफण्ड वाले आपको भ्रम में करके गायब हो जाते हैं कहते हैं कि अगर बैंक 10 वर्ष में दुगना रकम देता हैं तो हम 1 वर्ष में आपको दुगना रकम देंगे | ऐसे लोगे से बचे और चिट फण्ड में पैसा न लगाये |
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